स्कालरशिप का दाग -मिथिलेश कुमारी स्कूल जीवन की वह घटना मुझे कभी नहीं भूलती । उस समय मेरी उम्र 13 -14 के बीच में थी । कक्षा आठवीं में वार्षिक परीक्षा में विषय प्रथम स्थान मिला था, सारे लड़कों के बीच । हम लोग सिर्फ 3 लड़कियां थी , मैं शशि और प्रभा । शशि और मैं दोनों पढ़ने में अच्छे थे । और प्रभा बिल्कुल घरेलू थी । कक्षा नौवीं के प्रारम्भ से, हमें विषयों का चुनाव करना पड़ता था । हमने साइंस ग्रुप लिया, गणित विषय के साथ । इसके पहले लड़कियां कभी साइंस ग्रुप नहीं लेती थी। कक्षा नौवीं के तिमाही परीक्षा में जो सबसे ज्यादा अंक लाता था , उसे राज्य सरकार की ओर से तीन साल के लिए स्कॉलरशिप दी जाती थी । गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल शुरू हो चुके थे । और फिर गणेश उत्सव की तैयारियां चल रही थी । स्कूल की तरफ से , हमें कार्यक्रम देना होता था । हमारे एक शिक्षक ने , एक बड़ा एकांकी नाटक तैयार किया था। "ठाकुर का घर ...
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