संदर्भ महाभारत का..... एकलव्य
एकलव्य
आम आदमी अभी तक
महाभारत के संदर्भ को,
अपनी ज़िंदगी में
आज भी जी रहा है........
.महाभारत की कथा में तो,
एक द्रोणाचार्य ने,
एक बेचारे एकलव्य का
अंगूठा कटवाया था!!!
अब तो अपनी अपनी जगह
हर आम आदमी जी भी
बदला लेने की धुन में
द्रोणाचार्य होता जा रहा है!!!
अपने अहंकार के अर्जुन को ,
हर तरकीब सिखा रहा है।
रोज रोज प्रशंसा की घुटी से
नया नया पोषण दे रहा है ....
जब भी उसे कोई
एकलव्य नजर आता है,
वह निंदा की तलवार को,
मंजे शब्दों की धार देता है।।
फिर भरी सभा में भी
सभी भद्र जनों के बीच
निरीह एकाकी एकलव्य का
अंगूठा काट लाता है !!!
××××××××××××××××××××××××××
...
आम आदमी अभी तक
महाभारत के संदर्भ को,
अपनी ज़िंदगी में
आज भी जी रहा है........
.महाभारत की कथा में तो,
एक द्रोणाचार्य ने,
एक बेचारे एकलव्य का
अंगूठा कटवाया था!!!
अब तो अपनी अपनी जगह
हर आम आदमी जी भी
बदला लेने की धुन में
द्रोणाचार्य होता जा रहा है!!!
अपने अहंकार के अर्जुन को ,
हर तरकीब सिखा रहा है।
रोज रोज प्रशंसा की घुटी से
नया नया पोषण दे रहा है ....
जब भी उसे कोई
एकलव्य नजर आता है,
वह निंदा की तलवार को,
मंजे शब्दों की धार देता है।।
फिर भरी सभा में भी
सभी भद्र जनों के बीच
निरीह एकाकी एकलव्य का
अंगूठा काट लाता है !!!
××××××××××××××××××××××××××
...
V nice
जवाब देंहटाएंThanks
जवाब देंहटाएं