उम्र भर के घाव
-मिथिलेश
मेरे घाव तो, उम्र भर के हैं,
भर गए हैं ऊपर से जरूर
निशान अभी तक बाकी हैं,
ज़रा सा कुरेदोगे तो,
फिर से रिसने लगेंगे,
ऐसा मत करना मेरे दोस्त...
सदियां बीत गईं,
जब होश संभाला था,
नहीं उसके भी पहले,
जब बचपन भोला भाला था,
तब से याद है मुझे,
भाभी की वह बात......
मुझे कभी नहीं भूली,
मुझ पर लगी वह तोहमत,
जो झूठी थी, बिल्कुल ही झूठी,
मनगढंत कहानी सी
जो मुझे पिटवाने के लिए
भैया से उन्होंने कही थी!!!
पीठ पर जो घूंसा पड़ा,
वह बहुत धीमा था,
दिल पर पड़ा घाव,
शायद बहुत गहरा था,
कभी भी भर न सका
उम्र भर दर्द देता रहा !!!
पर एक बात कह गया,
सच को सच साबित करना,
तब भी मुश्किल था,
आज भी मुश्किल है,
आगे भी लगता है,
शायद मुश्किल ही रहेगा।।।।
बहुत मुश्किल ही रहेग।।
मुश्किल ही रहेगा ...
भर गए हैं ऊपर से जरूर
निशान अभी तक बाकी हैं,
ज़रा सा कुरेदोगे तो,
फिर से रिसने लगेंगे,
ऐसा मत करना मेरे दोस्त...
सदियां बीत गईं,
जब होश संभाला था,
नहीं उसके भी पहले,
जब बचपन भोला भाला था,
तब से याद है मुझे,
भाभी की वह बात......
मुझे कभी नहीं भूली,
मुझ पर लगी वह तोहमत,
जो झूठी थी, बिल्कुल ही झूठी,
मनगढंत कहानी सी
जो मुझे पिटवाने के लिए
भैया से उन्होंने कही थी!!!
पीठ पर जो घूंसा पड़ा,
वह बहुत धीमा था,
दिल पर पड़ा घाव,
शायद बहुत गहरा था,
कभी भी भर न सका
उम्र भर दर्द देता रहा !!!
पर एक बात कह गया,
सच को सच साबित करना,
तब भी मुश्किल था,
आज भी मुश्किल है,
आगे भी लगता है,
शायद मुश्किल ही रहेगा।।।।
बहुत मुश्किल ही रहेग।।
मुश्किल ही रहेगा ...
सच कहा सच को सच साबित करना
जवाब देंहटाएंकल भी मुश्किल था आज भी मुश्किल है
और कल भी रहेगा कहते हैं कि झूठ के पांव नहीं होते
पर सच भी कहां कितने कदम चल पाया है ?
बहुत सुंदर
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