अब मैं इसे संभालू कैसे ?
तूने झोली भरी कि इतनी
डर है मुझे संभालू कैसे?
इतना दे डाला दाता ने
अब यह बता बचा लूँ कैसे ,?
अब मै इसे संभालू कैसे ?
आंचल है मैला, जर्जर भी
अंतर है टूटा चोटिल भी
इतनी शक्ति नहीं अब मुझ में
तेरा दिया निभा लूं कैसे ?
अब मैं इसे सम्हालूं कैसे?
मेरी ही गागर फूटी थी,
तूने तो पूरी भर दी थी,
बूँद बूँद रिस गई अगर तो
दोष तुम्हीं पर डालूं कैसे?
अब मैं इसे सम्हालूं कैसे ?
मन को तो आदत है ऐसी,
सदा शिकायत ही करता है,
ओसकणों से प्यास बुझाता,
अब इसको समझा लूं कैसे?
तूने झोली भरी कि इतनी
डर है मुझे संभालू कैसे?
इतना दे डाला दाता ने
अब यह बता बचा लूँ कैसे ,?
तूने झोली भरी कि इतनी
डर है मुझे संभालू कैसे?
इतना दे डाला दाता ने
अब यह बता बचा लूँ कैसे ,?
अब मै इसे संभालू कैसे ?
आंचल है मैला, जर्जर भी
अंतर है टूटा चोटिल भी
इतनी शक्ति नहीं अब मुझ में
तेरा दिया निभा लूं कैसे ?
अब मैं इसे सम्हालूं कैसे?
मेरी ही गागर फूटी थी,
तूने तो पूरी भर दी थी,
बूँद बूँद रिस गई अगर तो
दोष तुम्हीं पर डालूं कैसे?
अब मैं इसे सम्हालूं कैसे ?
मन को तो आदत है ऐसी,
सदा शिकायत ही करता है,
ओसकणों से प्यास बुझाता,
अब इसको समझा लूं कैसे?
तूने झोली भरी कि इतनी
डर है मुझे संभालू कैसे?
इतना दे डाला दाता ने
अब यह बता बचा लूँ कैसे ,?
सही कहा ,
जवाब देंहटाएंजिसने जितना आंचल पाया
उसको उतनी सौगात मिली ।
Sahi mein Ishwar ka Kitna dhanyawad kare kam hai..
जवाब देंहटाएंThanks nalini.
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