अनबोले शब्द
-मिथिलेश कुमारी
तेरे अनबोले शब्दों ने,
क्या-क्या कथा कही,
क्या वसंत जाने पतझड़ ने
क्या-क्या व्यथा सही!
भूल हुई शब्दों में कैद किया,
पीड़ा का पंछी बेताब,
क्या जाने उड़ने को काफी था,
मन का मटमैला आकाश !!
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क्या-क्या कथा कही,
क्या वसंत जाने पतझड़ ने
क्या-क्या व्यथा सही!
भूल हुई शब्दों में कैद किया,
पीड़ा का पंछी बेताब,
क्या जाने उड़ने को काफी था,
मन का मटमैला आकाश !!
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