आभार
🙏🙏🙏 आभार🙏🙏🙏
पिछ्ले कई दशकों से, मेरी कविताएं,
लेख दबे पड़े थे , किसी फटी
टूटी डायरी के पन्नों में तो ,
कहीं मुड़े तुड़े रद्दी कागजों में
कभी सोचा ही नहीं था कि
उनको कभी दोबारा देखूंगी ।
वे सब उस गरीब असहाय
लड़की की तरह,
अतीत की सड़कों पर
धूल धूसरित होकर घूम रहे थे ,
जिसका कोई ठिकाना नहीं होता ।
पिछ्ले कई दशकों से, मेरी कविताएं,
लेख दबे पड़े थे , किसी फटी
टूटी डायरी के पन्नों में तो ,
कहीं मुड़े तुड़े रद्दी कागजों में
कभी सोचा ही नहीं था कि
उनको कभी दोबारा देखूंगी ।
वे सब उस गरीब असहाय
लड़की की तरह,
अतीत की सड़कों पर
धूल धूसरित होकर घूम रहे थे ,
जिसका कोई ठिकाना नहीं होता ।
फिर एक मोड़ आया,
किसी ने उसकी काया पलट दी
उठाया , संवारा, सजाया और
ब्लॉग की सुंदर डोली में
बिठा दिया।
पता नहीं ,जिंदगी में कौन कब
कहां और कैसे मिल जाता है ,
जो आपको आसमान
छूने की प्रेरणा देता है।
पूर्व जन्म के पुण्य के प्रतिफल
की तरह, उन्होंने मुझे हौसला
दिया, पहचाना और मेरी
रचनाओं का ब्लॉग बनाया ।
मेरे दिल की गहराई में कोई
शब्द बचे नहीं जिनसे
आभार प्रकट कर सकूं।
मेरी संपूर्ण रचनाएं
उनको समर्पित हैं,
मेरे शुभाकांक्षी
श्री वी के जैन सर।।
*मिथिलेश*
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏।
किसी ने उसकी काया पलट दी
उठाया , संवारा, सजाया और
ब्लॉग की सुंदर डोली में
बिठा दिया।
पता नहीं ,जिंदगी में कौन कब
कहां और कैसे मिल जाता है ,
जो आपको आसमान
छूने की प्रेरणा देता है।
पूर्व जन्म के पुण्य के प्रतिफल
की तरह, उन्होंने मुझे हौसला
दिया, पहचाना और मेरी
रचनाओं का ब्लॉग बनाया ।
मेरे दिल की गहराई में कोई
शब्द बचे नहीं जिनसे
आभार प्रकट कर सकूं।
मेरी संपूर्ण रचनाएं
उनको समर्पित हैं,
मेरे शुभाकांक्षी
श्री वी के जैन सर।।
*मिथिलेश*
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏।
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