सफ़र और टुकड़े
- मिथिलेश
- मिथिलेश
सफर के टुकड़े
अकेली ही चली थी,
जिंदगी के सफर पर,
ढेर सारे सपनों को,
नाज़ुक सी पोटली में,
कंधे पर लटका कर...
और फिर धीरे धीरे,
राहों ने उम्र से पूछा,
तुम तो आगे बढ़ गईं,
मुझे तो यहीं रहना है---
कुछ निशानियां ही दे दो,
और मैं टुकड़ों में बंट गई,
टुकड़ों में ही बंटती रही..
बूँद बूँद रिसती रही....
और फिर आगे की कथा..
एक एक करके,
टुकड़े गिरते रहे,
गिरते ही गए लगातार।।
सपनो के हीरे थे जो,
वे सब कांच निकले,
रिश्तों के टुकड़े बहुत थे,
मदिरा के प्यालों की तरह...
उनमें भरी मदिरा
धीरे धीरे बेस्वाद हो गई,
प्यालों के टुकड़े,चटक कर,
टूट टूट कर चूर हो गये ....
आशा की अंजुरी से
बूंद बूंद झरती रही,
उम्र के अंतिम पड़ाव पर,
अब भी चल रही हूं
टुकड़ों को समेटे हुए,
फटी झोली में लपेटे हुए,
थकी हारी,उलझती सी,
पथरीली राहों पर,सुबकती सी...
ये छोटे छोटे टुकड़े हैं,
प्यार के, रिश्तों के,
यादों के, मित्रता के,
खट्टे मीठे बीते दिनों के...
ये मेरी निशानियां हैं,
हर कदम पर बिखरी हुई,
सफ़र के शुरू होने से,
सफ़र की इस सीढ़ी तक....
ज़िन्दगी की राह को,
उम्र की निशानियां,
मेरी अंतिम भेंट हैं,
मेरे निश्छल प्यार की..
मेरे निश्छल प्यार सहित।।
××××××××××××××××××××××××
अकेली ही चली थी,
जिंदगी के सफर पर,
ढेर सारे सपनों को,
नाज़ुक सी पोटली में,
कंधे पर लटका कर...
और फिर धीरे धीरे,
राहों ने उम्र से पूछा,
तुम तो आगे बढ़ गईं,
मुझे तो यहीं रहना है---
कुछ निशानियां ही दे दो,
और मैं टुकड़ों में बंट गई,
टुकड़ों में ही बंटती रही..
बूँद बूँद रिसती रही....
और फिर आगे की कथा..
एक एक करके,
टुकड़े गिरते रहे,
गिरते ही गए लगातार।।
सपनो के हीरे थे जो,
वे सब कांच निकले,
रिश्तों के टुकड़े बहुत थे,
मदिरा के प्यालों की तरह...
उनमें भरी मदिरा
धीरे धीरे बेस्वाद हो गई,
प्यालों के टुकड़े,चटक कर,
टूट टूट कर चूर हो गये ....
आशा की अंजुरी से
बूंद बूंद झरती रही,
उम्र के अंतिम पड़ाव पर,
अब भी चल रही हूं
टुकड़ों को समेटे हुए,
फटी झोली में लपेटे हुए,
थकी हारी,उलझती सी,
पथरीली राहों पर,सुबकती सी...
ये छोटे छोटे टुकड़े हैं,
प्यार के, रिश्तों के,
यादों के, मित्रता के,
खट्टे मीठे बीते दिनों के...
ये मेरी निशानियां हैं,
हर कदम पर बिखरी हुई,
सफ़र के शुरू होने से,
सफ़र की इस सीढ़ी तक....
ज़िन्दगी की राह को,
उम्र की निशानियां,
मेरी अंतिम भेंट हैं,
मेरे निश्छल प्यार की..
मेरे निश्छल प्यार सहित।।
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बहुत सुन्दर
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