फूल और कांटे
- मिथिलेश
यह ज़रूरी नहीं है मेरे दोस्त,
कि जो फूल बोए,
उसे कांटे नहीं मिलेंगे,
क्योंकि कांटों की तो मनमानी है
कांटों की तो मनमानी है...
वो तो राह चलते,
कहीं भी मिल जाते हैं,
जब उनका मन चाहे,
किसी के भी पांव में
कभी भी चुभ जाते हैं-----
और फूलों के लिए ?
फूलों के लिए तो
माकूल मौसम चाहिए,
बीज ही काफी नहीं है,
मेरे दोस्त.....,
फूल उगाने के लिए,
अच्छी ज़मीन की जरूरत है,
और उस से भी ज़्यादा जरुरी है,
उसे रोज रोज दुलराना,
रोज रोज़ पानी देना .......
और इतना ही नहीं,
उसकी देखभाल करने वाला
होशियार माली चाहिये,
जो जोर जोर से चिल्लाकर,
दुनियां को वाकिफ रखे.....
दुनिया को वाकिफ रखे
इस ज़रूरी बात से,
कि फूल उगने की,
पूरी पूरी संभावना है
और वह सम्भावना वाजिब है..
वाजिब है पूरी की पूरी
इसलिए कि फूलका बीज
पूर्व जन्म में ही सही,
यहीं बोया गया था।
यहीं बोया गया था।।
- मिथिलेश
फूल और कांटे
कि जो फूल बोए,
उसे कांटे नहीं मिलेंगे,
क्योंकि कांटों की तो मनमानी है
कांटों की तो मनमानी है...
वो तो राह चलते,
कहीं भी मिल जाते हैं,
जब उनका मन चाहे,
किसी के भी पांव में
कभी भी चुभ जाते हैं-----
और फूलों के लिए ?
फूलों के लिए तो
माकूल मौसम चाहिए,
बीज ही काफी नहीं है,
मेरे दोस्त.....,
फूल उगाने के लिए,
अच्छी ज़मीन की जरूरत है,
और उस से भी ज़्यादा जरुरी है,
उसे रोज रोज दुलराना,
रोज रोज़ पानी देना .......
और इतना ही नहीं,
उसकी देखभाल करने वाला
होशियार माली चाहिये,
जो जोर जोर से चिल्लाकर,
दुनियां को वाकिफ रखे.....
दुनिया को वाकिफ रखे
इस ज़रूरी बात से,
कि फूल उगने की,
पूरी पूरी संभावना है
और वह सम्भावना वाजिब है..
वाजिब है पूरी की पूरी
इसलिए कि फूलका बीज
पूर्व जन्म में ही सही,
यहीं बोया गया था।
यहीं बोया गया था।।
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