मन की मनमानी -मिथिलेश मन की मनमानी मन भी बहुत अजीब है, कितनी मनमानी करता है , जब मन करे उसका कहीं भी भाग जाता है ं ....... मन भी कितना अजीब है। कोई परमीशन नहीं लगती उसे, और न कोई ' नो ऑब्जेक्शन ' , एक सेकंड में कहाँ से कहाँ टाइम बेटाइम पहुँच जाता है ,......... मन भी कितना अजीब है। और कुछ भी कहीं भी, किसी के साथ करने लगता है , ऐसा कुछ, जिसे शब्द...
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