बडी दूर चलना है -मिथिलेश खरे बडी दूर चलना है ..आसमान वृद्ध हुआ शादियां रचा रचा आदि अंत का रहस्य क्या कभी सुलझ सका ? बडी दूर चलना है.... काफिला बड़ा सही शख्स तो अकेला है खुशियों की चाहत में दर्द बड़ा झेला है-- बडी दूर चलना है.... सुबह जगी,सांझ ढली और दिन निकल गया, पता कुछ चला नही , कौन कब बदल गया----- बडी दूर चलना है..... दुनिया के मेले में, सब रँग अलबेले है, जीवन की चौसर में खेल बहुत खेले है--'---- बडी दूर चलना है........ कांधे पर कांवर है पाप पुण्य के पलड़े खाते हिचकोले हैं, थके पांव डोले हैं --- बड़ी दूर चलना है बड़ी दूर चलना हैll ..आसमान वृद्ध हुआ शादियां रचा रचा बड़ी दूर चलना है Xxxxx
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