चित्रकारी फूलों की - मिथिलेश चित्र फूलों के 1. धन्यवाद है उसे कि जिसने , सुंदर मुझे बनाया है सबके मन में खुशियां भर दूं ऐसा खेल रचाया है ।।। 2 - जिंदगी फूलों के बगीचे सी लगती है ,कभी कांटे चुभते है , तो कभी खुशबू लिपटने लगती है। 3- डाली से टूटा फूल खुशबू दे जाता है, जिंदगी से गुजरा हुआ पल भी मधुर यादें दे जाता है ।। 4--चेहरा खिला रहे इसी फूल की तरह , ...
Based in mumbai